बेगूसराय, 06 अप्रैल (हि.स.). बिहार के डीजीपी बार-बार पुलिस-पब्लिक मैत्री संबंध की बात करते हैं लेकिन बेगूसराय में तो सेना के अधिकारियों को भी न्याय के लिए परेशान होना पड़ रहा है. मामला सिंघौल ओपी क्षेत्र का है जहां जम्मू कश्मीर में पदस्थापित भारतीय सेना का मेजर अपने पिता की मौत के गुनहगारों की तलाश के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है.
ओपी प्रभारी के पास कई बार जाने पर भी न्याय नहीं मिला तो एसपी को आवेदन देकर पिता की मौत के गुनहगार की तलाश करने की गुहार लगाई है. इस संबंध में पिपरा निवासी मेजर अमित कुमार ने बताया कि उनके पिता रामशंकर सिंह सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप में सुरक्षा ड्यूटी दे रहे थे.
22 मार्च की रात करीब नौ बजे अपने आवास से ड्यूटी पर साइकिल से टाउनशिप जा रहे थे. इसी दौरान बीएमपी के समीप एक कार उन्हें कुचलते हुए भाग निकली, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. सूचना मिलते ही कश्मीर से आकर उसने पिता का अंतिम संस्कार किया.
उसके बाद से ही सिंघौल ओपी की पुलिस से कातिल कार और गुनहगार चालक की तलाश करने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. मेजर अमित ने बताया कि घटना के दिन जनता कर्फ्यू के कारण वाहनों की आवाजाही नहीं के बराबर थी.
घटनास्थल के आसपास कई सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. पुलिस अगर गंभीरता पूर्वक सीसीटीवी का फुटेज खंगाले तो मेरे पिता की मौत के दोषी की तलाश तुरंत ही हो जाएगी. लेकिन इस दिशा में सार्थक पहल नहीं की जा रही है. अब जबकि एक मेजर के पिता की मौत के गुनहगारों को पुलिस 15 दिन में भी नहीं खोज सकी है तो आम जनता का क्या हो रहा होगा.
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/विभाकर