कोरोना के 100 प्रतिशत इलाज का दावा करने वाली पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पतंजलि ने कोरोनिल नाम की दवा बनाने का दावा पेश करते हुए इसे एक हफ्ते में बाजार में लाने की बात कही है. इस दावे पर आयुष मंत्रालय ने संज्ञान लिया है.
मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से इस दावे के संबंध में सारी जानकारी मांगी है. और जांच तक विज्ञापन न जारी करने के निर्देश दिए हैं. आयुष मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय की अनुमति के बिना कोई भी कोरोना के इलाज का गलत दावा नहीं कर सकता और न ही विज्ञापन जारी कर सकता है.
अधिकारी ने कहा कि इस तरह के विज्ञापनों से लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा होती है. दवा लाने से पहले ट्रायल किया जाता है, जिसकी भी अनुमति ली जाती है. ऐसी कोई प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. आयुष मंत्रालय को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
पतंजलि से ट्रायल की जानकारी मांगी
आयुष मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पतंजलि से कोरोना के मरीजों पर किए गए ट्रायल से संबंधित सभी जानकारी मांगी गई है. कंपनी से मंत्रालय ने पूछा है कि कोरोना के इलाज के संबंध में किए गए ट्रॉयल किस किस अस्पताल में किए गए.
मंत्रालय ने पतंजलि से ट्रायल का सैंपल साइज क्या था, एथिक्स कमेटी से अनुमति ली गई या नहीं? इसके साथ दवा बनाने के लिए जरूरी पंजीकरण नंबर की जानकारी मांगी है. सारी जानकारी भेजे जाने तक कोरोनिल दवा के किसी भी तरह के विज्ञापन पर भी रोक लगा दी गई है.
आयुष मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार से भी इस संबंध में जारी लाइसेंस की कॉपी और अनुमति की विस्तृत जानकारी मांगी है. बता दें कि आज ही (मंगलवार को) बाबा रामदेव ने कोरोना की दवा को लॉन्च किया था. उन्होंने इस दवा से महज 14 दिन में कोरोना मरीज के ठीक होने का दावा किया था.
हिन्दुस्थान समाचार/विजयलक्ष्मी