नई दिल्ली. अगर आप ने भी इंश्योरेंस प्लान्स ले रखे हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद ही जरूरी है. क्योंकि 1 फरवरी से इंश्योरेंस प्लान्स से जुड़े कई नियम बदल चुके हैं. इंश्योरेंस से जुड़े नियमों में ये बदलाव इंश्योरेंस रेग्युलेटर IRDAI की ओर से किए गए हैं, जो कि 1 फरवरी से लागू कर दिए हैं.
नए नियमों के तहत कई लोगों को फायदा होगा, तो वहीं कई लोग ऐसे भी होने वाले हैं, जिन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा. नए नियमों के तहत मोर्टेलिटी चार्ज घटा दिए गए हैं. जो कि काफी फायदेमंग होने वाला है.
अब आप उन्हीं पॉलिसी पर टैक्स बेनिफिट ले पाएंगे, जिनमें सम अश्योर्ड सालाना प्रीमियम का 10 गुना या ज्यादा होगा.सम अश्योर्ड कम होने से रिटर्न बेहतर होगा क्योंकि अब मोर्टेलिटी चार्ज कम कटेगा. हालांकि सालाना प्रीमियम के 10 गुना से कम सम अश्योर्ड होने पर टैक्स बेनिफिट नहीं मिल पाएंगे.
नए नियमों के मुताबिक अगर अब आप तीन साल बाद पॉलिसी सरेंडर करते हैं तो सर्वाइवल बेनिफिट काटकर प्रीमियम का 35% हिस्सा लौटाया जाएगा.
ऐसा करने की वजह से यूलिप यानी यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान्स और ट्रडिशनल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी कराने वालों को ज्यादा मुनाफा होगा.
साथ ही इंश्योरेंस कंपनियों से लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का रिवाइवल टाइम पीरियड बढ़ाने के लिए कहा गया है. यानी की इंश्योरेंस प्लान्स और ट्रडिशनल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी को अब फायदा होने वाला है.
अगर आसान शब्दों में कहें तो किसी वजह से ULIP इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम नहीं चुकाने पर कंपनियां 2 साल में पॉलिसी को बंद कर देती थी, लेकिन अब ग्राहकों को इसके लिए तीन साल का समय मिलेगा.
वहीं, नॉन लिंक्ड इंश्योरेंस प्रॉडक्ट्स के लिए रिवाइवल पीरियड अब पांच साल कर दिया गया है. आपको बता दें कि नए नियम LIC समेत देश की सभी कंपनियों की पॉलिसी पर लागू होंगे.