नई दिल्ली. वियतनाम के कृषि उप मंत्री टैन थम नम ने बुधवार को यहां कहा कि वियतनाम कृषि को ग्लोबल प्लेटफार्म देने का पक्षधर है. दुनिया के सभी देशों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि जिन किसानों तक नई तकनीक नहीं पहुंची है, उन तक नई तकनीक पहुंचाई जाए.
यहां 11वें ग्लोबल एग्रीकल्चर लीडरशिप समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि खासकर भारत के साथ वियतनाम का संबंध सिर्फ व्यापारिक ना होकर धार्मिक और सांस्कृतिक भी हैं. सैकड़ों साल पहले व्यापारियों व बौद्ध भिक्षुओं द्वारा मूल्यों, धर्म, कला एवं शिल्प का आदान –प्रदान हुआ था. तब से अभी तक हमारे संबंध बरकरार हैं.
उन्होंने कहा कि अभी कुछ महीनों पहले उनके राष्ट्रपति त्रान दाई क्वांग भारत दौरे पर आए थे. उस दौरान कई सारे समझौते भी हुए थे. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी की साझेदारी और खेती के क्षेत्र में टेक्निकल सहयोग के लिए वियतनाम हमेशा भारत के साथ खड़ा है और इस दिशा में काम भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी ओर से कोशिश है की भारत के साथ सी-फूड के प्रोसेसिंग की तकनीक साझा की जाए.
इस दौरान नीदरलैंड के एम्बेसडर मार्टन वैन डेन बर्ग ने कहा कि भारत ने हरित क्रांति लाकर पूरी दुनिया को दिशा दी है. इस हरित क्रांति से गुणवत्तापूर्ण अनाज की उपज हुई है. उन्होंने कहा कि आज के समय में जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या है. इससे दुनिया भर की कृषि प्रभावित हो रही है. ऐसे में विश्व के कृषि वैज्ञानिकों को आगे आना चाहिए और इस चुनौती से लड़ने के लिए साझा प्रयत्न करना चाहिए.
इस समिट को संबोधित करते हुए मशहूर कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन ने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों के हित में काफी काम कर रही है लेकिन अभी भी किसानों के हित में बहुत कुछ करने की जरूरत है. भारतीय किसानों को वैश्विक बाजार देना जरूरी है. महिलाओं को इस क्षेत्र में प्रोत्साहन देने की जरूरत है. आज भी किसानों के पास लाभकारी योजनाओं की सूचना का अभाव है. ऐसे में सरकार को किसानों के लिए और गंभीरता से काम करने की जरूरत है.
भारतीय कृषि विकास परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर एमजे खान ने कहा कि ‘इण्डिया इंटरनेशनल एग्रो ट्रेड एण्ड टेक्नोलॉजी फेयर कल से पूसा में शुरू हो रहा है. इस मेले में भारत सहित 15 देशों की दिग्गज हस्तियां भाग लेंगी तथा कृषि एवं पर्यावरण के क्षेत्र में वैश्विक एजेंडा पर चर्चा आज से ही जारी है.
इस आयोजन में कई प्रदर्शनियां, उन्नत खेती -किसानी से संबंधित कार्यक्रमों के अलावा स्टोरेज , परिवहन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग, एक्सपोर्ट ,फलोद्यान मसालों की खेती, बागवानी, डेयरी ,मछली पालन, कृषि नीतियों आदि पर चर्चा होगी.
आशुतोष/दधिबल
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